जिन एयरपोर्ट होटल्स और टूरिज्म स्पॉट पर हमेशा चहल पहल रहती थी सैलानियों की भीड़ रहती थी कोरोना की वजह से वहां महीनों सन्नाटा रहा !
आमदनी पर ताला लटक गया और लॉकडाउन में टूरिज्म इंडस्ट्री की कमर तोड़ दी अब उम्मीद 1 फरवरी को पेश होने वाले बजट से है !
GDP मैं टूरिज्म सेक्टर का आठ फ़ीसदी योगदान है 10 फ़ीसदी नौकरियां इसी सेक्टर से आती है ऐसे में सरकार को इस बार टूरिज्म सेक्टर पर विशेष ध्यान देना चाहिए !
टूरिज्म सेक्टर की मांग है कि उसे इंफ्रास्ट्रक्चर का दर्जा दिया जाए इससे बिजली पानी जमीन सस्ते रेट में मिलेगी सर जी मिलने की दर भी बेहतर होगी साथी इंडस्ट्री यह भी चाहती है कि घूमने टहलने के दौरान होटल और दूसरे खर्च भी LTA के दायरे में आए अभी किराया का खर्च ही LTA के दायरे में आता है !
टूरिज्म मिनिस्ट्री के तहत अलग से टूरिज्म फंड बनाया जाए कंपनियों के कॉन्फ्रेंस पर खर्चे पर भी दोगुना टैक्स छूट मिले !
घरेलू टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए सरकार टैक्स कलेक्शन एंड सोर्स में कमी करें !
भारतीय टूरिज्म सेक्टर को साल 2020 में करीब एक लाख करोड़ का घाटा हुआ है और गाड़ी कब दोबारा पटरी पर आएगी इसका कहना मुश्किल है !
सेक्टर से जुड़े कारोबारी चाहते हैं कि सरकार को बजट के अलावा भी कहीं और मामलों पर फोकस करने की जरूरत है मसलन टूरिज्म सेक्टर पर लगने वाली GST को 2 साल तक के लिए हटा दिया जाए टूरिज्म संभावना वाले इलाकों में सरकार बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करें !
जिन स्मारकों पर एंट्री टिकट लगते हैं वहां एंट्री फ्री कर दी जाए !
कोरोना में कमी आने के बाद से लोग दोबारा घरों से निकल रहे हैं और फिर से घूमने फिरने का दौर शुरू हो गया है !
लेकिन यह इंडस्ट्री को दोबारा पटरी पर लाने के लिए काफी नहीं है इसके लिए टूरिज्म सेक्टर को निर्मला सीतारमण से ग्रोथ की वैक्सीन की जरूरत होगी !