Monday, May 13, 2024
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सरसों का तेल होगा महंगा

आलू टमाटर के बाद रसोई पर महंगाई का दो तरफा हमला शुरू हो गया है !

आलू प्याज की कीमतें भले ही कम हो गई हो लेकिन अब रसोई का तड़का महंगा हो गया है !

दरअसल पिछले 1 महीने मैं सरसों के तेल और रिफाइनरी आयल के दामों में जबरदस्त उछाल आया है !

कोरोना महामारी के बीच सरसों की डिमांड बढ़ी है क्योंकि लॉकडाउन के दौरान लोग घरों में ही रहे इस दौरान खाद्य तेलों खासकर सरसों की तेल की भारी खपत हुई इससे भाव में भी रिकॉर्ड तेजी दर्ज की गई है !

सरसों में अचानक आए हुए उछाल ने ग्राहकों की कमर तोड़ना शुरू कर दी है 15 दिन में सरसों का भाव ₹1000 बढ़कर ₹6200 पार पहुंच गया हैं तो वही 1 महीने पहले तक जो सरसों का तेल 100-120 रुपए लीटर बिक रहा था !

अब वही तेल 140 रुपए तक पहुंच गया है और बीच में बढ़त का अनुमान है क्योंकि नई फसल आने में अभी 2 महीने का समय है !

कोरोना काल में सरसों तेल की जबरदस्त डिमांड रही इसलिए आधा माल पहले ही खर्च हो चुका है इसमें मुश्किल यह है नया माल तैयार होने में अभी कम से कम 2 महीने हैं ऐसे में मांग के लिहाज से सप्लाई नहीं हो पा रही है !

इसलिए शुक्रवार मैं इसकी कीमत रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गई और आगे भी इसमें इजाफा होने की संभावना है !

ग्राहक सरसों के बढ़ते भाव के चलते दूसरे विकल्प की ओर बढ़ रहे हैं सरसों तेल की लागत ज्यादा है इससे इसके के भाव भी बढ़ रहे हैं !

सरसों के तेल की थोक कीमत 132 रुपए किलो हो गई है इसलिए रूटीन ग्राहक दूसरे तेलों का इस्तेमाल बढ़ा रहे हैं भारत में खाद्य तेल की मांग की पूर्ति कई देशों से आयात होने पर ही हो पाती है !

भारत में पाम तेल इंडोनेशिया और मलेशिया से आता है तो वही अर्जेंटीना से सोयाबीन का तेल और रूस से सूरजमुखी का तेल खरीदा जाता है !

तेल मिलो को अगले 2 महीने में नई फसल आने तक करीब 8 लाख टन सरसों की जरूरत होगी जबकि स्टॉक करीब तीन लाख टन का बचा है !

राजस्थान नेफेड का माल खप चुका है अब केवल हरियाणा नेफेड के पास करीब 1 लाख टन सरसों है इसके अलावा लगभग 1.5 लाख 10 सरसों का स्टॉक किसानों और आढ़तियों के पास है 5 हजार टन सरसों का स्टॉक टन मिलर्स और खैरिज स्टॉकिस्ट के पास होने का अनुमान है !

सरकार ने सरसों के तेल मैं दूसरे तेल मिला कर बेचने पर रोक लगा दी है हालांकि यह मामला अब कोर्ट में चल रहा है लेकिन ब्रांडेड तेल की डिमांड कम हो गई है इसलिए सरसों के तेल की डिमांड बड़ी है !

कोरोना के कारण दुनिया भर की सप्लाई चैन प्रभावित हुई है !

इसके चलते देश में पाम आयातित तेल बहुत कम आ रहे हैं दूसरे लोग भी कोरोना के कारण खरीदने से डर रहे हैं इसलिए सरसों तेल की डिमांड लगातार बनी हुई है !

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