Tuesday, May 14, 2024
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भारत की अर्थव्यवस्था ने दिखाया दम

दिसंबर के दमदार प्रदर्शन ने अर्थव्यवस्था की हालत में जोरदार तेजी के दांव पर मुहर लगा दी है !

जिस मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को देश की इकोनॉमी की बैकबोन माना जाता है जो रोजगार देने में सबसे आगे रहता है !
इसमें लगातार तीसरे महीने उछाल दर्ज किया गया मैन्युफैक्चर सेक्टर की सेहत का सटीक अनुमान बताने वाला मैन्युफैक्चरिंग PMI दिसंबर में 56.4 पर रहा इसके पहले यह नवंबर में यह 56.3 था !

यानी फेस्टिव सीजन जाने के बाद इकोनामी के सुस्त होने का जो डर था वह खत्म हो गया नवंबर के मुकाबले दिसंबर में PMI मैं भले ही मामूली सुधार हुआ है लेकिन राहत यह है कि ग्रोथ जारी है !

दरअसल अब दो वैक्सीन आने के बाद कोरोना का कहर दिनों दिन कम होने का अनुमान लगाया जा रहा है मैन्युफैक्चरिंग PMI के 50 से ज्यादा होने का का मतलब तेजी माना जाता है इसके 56 के पार पर बने रहने की बात के मायने हैं की मैन्युफैक्चर एक बार फिर से प्रोडक्शन बढ़ा रहे हैं !

इन्वेंटरी बढ़ने से कच्चे माल की खरीदारी और प्रोडक्शन में भी तेजी आई है इसकै साथ दिसंबर में रिकॉर्ड ने भी इकोनामी तेज रिवाइवल होने का भरोसा बढ़ा दिया है !

GST लागू होने के बाद से दिसंबर में अब तक का सबसे ज्यादा कलेक्शन हुआ है दिसंबर 2020 में 1,15,174 करोड़ का GST कलेक्शन हुआ अब तक सबसे ज्यादा GST कलेक्शन अप्रैल 2019 में 1,13,886 करोड़ रुपए का था !

इसके साथ ही ऑटो सेक्टर मैं भी दिसंबर में बिक्री के नए रिकॉर्ड कायम किए है मारुति सुजुकी ने दिसंबर मैं कुल 1,60,226 गाड़ियां बेची जो पिछले साल दिसंबर के मुकाबले 30.2%ज्यादा है !

हुंडई की बिक्री 25% बढ़कर 47400 यूनिट रही हालांकि नौकरियों के मामले में दिसंबर का महीना भी कमजोर रहा यह लगातार नववा महीना है जब टॉप की ग्रोथ कमजोर हुई है !

IHS Markit की रिपोर्ट के मुताबिक कर्मचारियों को शिफ्ट में रखने के सरकार की गाइडलाइंस और अच्छे स्टाफ मेंबर होने की वजह से कर्मचारियों की संख्या घटी है हालांकि यह गिरावट दिसंबर के महीने में कम हुई है !

कोरोना के मामले बीच में बढ़ने के बावजूद इकोनामी में तेजी जारी रहने से अब ग्रोथ से जल्द पटरी पर आने की उम्मीद है !

इसके साथ ही इंपोर्ट कई महीनों के बाद पहली बार दिसंबर में बड़ा है अब अगर वैक्सीन से कोरोना को जल्द कंट्रोल कर लिया गया और टूरिज्म समेत हॉस्पिटैलिटी जैसे कमजोर सेक्टर भी पटरी पर लौट आए तो इकोनामी प्री कोविड स्तर से कहीं गुना आगे निकल सकती है

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