गूगल टैक्स को लेकर भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड वार शुरू हो सकता है भारत में डिजिटल टैक्स पर अमेरिका सरकार ने आपत्ति जताई है !
साल 2016 में मोदी सरकार ने फेसबुक,उबर,अमेजॉन,गूगल,डिजिटल और ऑनलाइन कारोबार करने वाले विदेशी कंपनियों पर गूगल टैक्स लगाया था !
फिलहाल भारत में कारोबार करने वाली विदेशी कंपनियों से 2 फ़ीसदी गूगल टैक्स वसूला जाता है !
अगर कोई विदेशी कंपनी भारत में ऑनलाइन विज्ञापन या दूसरे माध्यम से कमाई करती है तो उस पर गूगल टैक्स वसूला जाता है गूगल टेक्स का सबसे ज्यादा प्रभाव है अमेरिका ऑनलाइन ट्रैक कंपनियां पर पड़ा है !
क्योंकि फेसबुक , गूगल , ऐमेज़ॉन जैसी ऑनलाइन टेक कंपनियां भारत में मोटी कमाई करती है इन कंपनियों के भारत में करोड़ से ज्यादा की संख्या मैं यूजर्स है !
यही वजह है कि अमेरिका ही गूगल टैक्स का सबसे ज्यादा विरोध कर रहा है गूगल टैक्स को लेकर अमेरिकी फेडरल इन्वेस्टीकल ने कहा है कि भारत गूगल टैक्स पर अपना फैसला नहीं बदलता है तो वह भारत से निर्यात किए जाने वाले सामान पर टैरिफ लगाएगा !
अमेरिका का कहना है कि भारत इस टैक्स का गलत इस्तेमाल कर रहा है वह जितनी सर्विस पर टैक्स लगाता है उतना विश्व का कोई भी देश नहीं लगा रहा है !
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक तीसरी तिमाही में भारत का डिजिटल टैक्स कलेक्शन 1,436 करोड़ रहा पिछले साल तीसरी तिमाही में यह महज 877 करोड़ था यानी इस साल तीसरी तिमाही में डिजिटल टैक्स कलेक्शन 64% बड़ा !
सरकार ने डिजिटल टैक्स को इसलिए लागू किया था विदेशी कंपनियां भारत में हजारों करोड़ों रुपए कमाती है और बहुत कम कॉरपोरेटर टैक्स चुकती हैं !
एक रिपोर्ट के मुताबिक कारोबारी साल 2020 मैं एप्पल ने भारत में 13,756 करोड़ रुपए की कमाई की थी अमेजॉन ने 11,028 करोड़ , गूगल ने 5,994 करोड़ , फेसबुक ने 1,277 करोड़ की कमाई की थी !
जब यह अमेरिकी कंपनियां भारत में करोड़ों का व्यापार कर रही है ऐसे में इनसे टैक्स क्यों ना वसूला जाए !
दुनिया के दूसरे देशों में डिजिटल टेक्स वसूला जाता है ऑस्ट्रेलिया में 5%डिजिटल टैक्स लगता है , फ्रांस मैं 3% , इटली मैं 3% , पोलैंड मैं 1.5% , स्पेन मैं 3% , टर्की मैं 7.5% यूके मैं 2% डिजिटल टैक्स वसूला जाता है !
हाला कि इन देशों में लिमिटेड सर्विस से होने वाली पर डिजिटल टैक्स लिया जाता है !
भारत में डिजिटल टैक्स शुरुआत में 6% था लेकिन अभी से घटाकर 2%कर दिया गया है ऐसा विदेशी कंपनियों को राहत देने के लिए ही किया गया है लेकिन विदेशी टेक कंपनियों को यह भी मंजूर नहीं है !